भारत में आंदोलन और तोड़ फोड़ पर बेबाक राय by Freelance writer Akhil Marden

Freelance Writer Akhil Marden -- 

एक निवेदन है हमारा अध्यापकों से की जो अपने छात्रों को उनका उद्देश्य बताएं  कि एक छात्र का क्या उद्देश्य होना चाहिए एक छात्र का उद्देश्य पढ़ाई करना होना चाहिए कुछ अच्छे मुकाम हासिल करना होना चाहिए लेकिन आज के छात्र कहां भटके हुए हैं आप देख ही रहे हैं।
 एक राजनीतिक पार्टी का उद्देश्य  क्या होता  है  कभी आपने सोचा बस इतना की किसी भी तरह से चर्चा में बने रहना और वो चर्चा में बने रहने के लिए हर संभव प्रयास करना जिसके लिए वे  हमारे छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर जाते हैं इन छात्रों को उनकी  उद्देश्य  से भटका दिया जाता है राजनीति को राजनीति तक ही रखना चाहिए आपको पता है कभी कांग्रेश कभी सपा कभी बसपा कभी भाजपा भारत बंद का आंदोलन करते हैं इन सब का सबसे ज्यादा नुकसान या सबसे ज्यादा प्रभाव  छात्र और आम जनता पर पड़ता है कभी इनका एग्जाम पोस्टपोन कर दिया जाता है कभी कैंसिल कर दिया जाता है, कभी सड़क जाम कभी ट्रेन, कभी बस जला दिया जाता है कभी आपने सोचा है उन छात्रों के बारे में उन आम  लोगों के बारे मे   जो अपनी स्टडी अपने काम  को लेकर गंभीर होते हैं इनके रोज के आंदोलन करने की वजह से छात्र पढ़ नहीं पाते हैं कुछ नया सीख नही पाते  जिसकी वजह से उनके अंदर काबिलियत नहीं आ पाती और आम आदमी एक सुकून भरी नौकरी और व्यापार भी नहीं कर पाता है और इन सब के बाद  यही राजनीतिकार छात्र बेरोजगारी और GDP नीचे गिरने का नारा लगवाते हैं आप सोचो तो जरा इन छात्रों को पढ़ने नहीं दिया जाता है आंदोलन के चक्कर में, व्यापारियों और जॉब करने वालों को जॉब और व्यापार करने नहीं दिया जाता है तो  कहां से हमारी इकोनॉमी   बढ़ेगी , कहा रोजगार मिलेगा ,  क्योंकि इनके अंदर काबिलियत ही   कहां और जब काबिलियत नही तो किस बात का इन्हें  रोजगार मिलेगा, फिर  ऐसे लोग Dream11 पर टीम बनायेगे और 50 रुपये कमा कर सब को बतायेगे की हम जीत गये जबकि इनमे इतनी काबिलियत है की प्रति दिन कम से कम 1000 रुपये  आसानी से कमा सकते है अपनी मेहनत और दिमाक से , ना की जुआ और सट्टे बाजी से 50 रुपये कमाना 
 हमारे कुछ बुद्धिजीवी लोग यह भी कहते हैं कि अगर हम लोग इस चीज को आज का विरोध नहीं करेंगे तो कौन करेगा मेरे प्रिय समझो इस बात को जिसे आपने सांसद विधायक बनाकर संसद भवन में भेजा है क्या वो बेवकूफ है अगर है तो आपने उनहें क्यों सांसद भवन  भेजा , उनको इस बात की समझ नहीं है कि हमारे समाज के लिए , जिन्होंने हमें यहां पर भेजा है उनके लिए क्या सही है और क्या गलत है  किसलिए हमें भेजा है आपको अपनी सांसद अपनी विधायक पर विश्वास नहीं है अगर नहीं है  उन्हें क्यों सांसद विधायक बना कर भेजा दिया है जिसे  किसी बात की  समझ ही नहीं है राजनीति आज हमारे नौजवानों और समाज के भविष्य  को गलत रास्ते पर ले के जा रही है  आप खुद सोचिए पिछले कई महीनों से  कभी अयोध्या मंदिर कभी राम मंदिर कभी धारा 370 कभी तीन तलाक  कभी नागरिकता संशोधन बिल कभी कोई नया बिल या कोई सरकारी फरमान को लेकर  आंदोलन होता रहता है इसकी वजह से अगर आप देखेंगे तो कितने बेगुनाहो की  जाने जा चुकी हैं और कितने बर्षो और महीने का टाइम बर्बाद हो चुका है कभी स्कूल कभी कोचिंग कभी धारा 144 लगाकर लोगों को बाहर न निकलने का आश्वासन दिया जाता है  जिसमें कभी भी  किसी भी आम जनता या छात्रों का कोई किसी भी तरह का  मतलब नहीं होता है लेकिन सबसे ज्यादा इन्हीं लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है सरकार को चाहिए किसी भी तरह के आंदोलन  करने वालों करने वालों का एक सुनिश्चित जगह  निर्धारित कर देनी चाहिए कि आंदोलन इसी निश्चित जगह पर ही किया जाएगा इसके  बाहर करने वालों को पनिशमेंट दिया जाएगा  जिसकी वजह से कम से आम जनता आम स्टूडेंट आम नागरिक परेशान  ना हो सके , और सरकारी संपत्तियों के नुकसान को भी बचाया जा सके जिसमे  करोड़ों की संपत्तियों का  नुकसान हो जाता है इस आंदोलन के चक्कर में आकर, हमे ये समझना होगा की ये हमारी ही संपत्ति है हमारे ही पैसे से खरीदी गयी है। 
।। जय हिन्द जय भारत।। 

  Freelance Writer
     Akhil Marden 

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